नीमच। कांग्रेसियों के दिल की गहराई से जुड़े रहे गांधी भवन को व्यवसायिक मेले हेतु किराए पर देने और उसके बाद गांधी भवन के बाउंड्री वॉल की दीवार तोड़ दिए जाने को लेकर आज कांग्रेस में आपसी विरोध तीव्र हो गया। बाउंड्री वॉल की दीवार तोड़ दिए जाने से कई कांग्रेसी बेहद आक्रोशित दिखाई दिए।
उनका कहना था कि आर्थिक लाभ के लिए गांधी भवन जो कि हमारी आस्था का केंद्र है उसकी दीवार तोड़ा जाना बेहद खेदजनक है। आजादी के बाद इस गांधी भवन की ईट तक नहीं हिली और आज मेले के लिए रास्ता बनाने के लिए गांधी भवन की दीवार का तोड़ा जाना बेहद अफसोसनाक है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी पिछले दिनों से यह आरोप लगा रहे हैं कि गांधी भवन की जमीन को एकतरफा निर्णय लेते हुए चंद लोगों ने आर्थिक लालच में 4 लाख रुपए पर किराए पर दे दिया था।कांग्रेसियों ने बताया कि हमें सूचना मिली कि गांधी भवन के बाउंड्री वॉल की दीवार तोड़ी जाए और एक ठेकेदार दीवार तोड़कर गेट बना रहा है सूचना मिलते ही हम वहां पहुंचे हमने पाया कि यहां पर एक जेसीबी मशीन मौजूद है और दीवार तोड़ने का काम चल रहा है, जिसे तुरंत रुकवाया गया।
कांग्रेसियों ने मीडिया के सामने अपने पदाधिकारियों पर एक तरफा निर्णय का आरोप लगाते हुए कहा कि बिना आपसी सहमति के 7 सदस्यों की एक समन्वय समिति बना दी गई है जिसमें कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया और नगरपालिका प्रतिपक्ष के नेता योगेश प्रजापत भी शामिल है, उनके द्वारा गांधी भवन की भूमि को चुनावी वर्ष में मेले के लिए किराए पर दे दिया गया है। इन रुपयों का क्या होगा, कैसे हिसाब रखा जाएगा इसकी भी कोई जानकारी नहीं है।
सवाल यह उठता है कि चुनावी साल में कांग्रेस ऐसे विवादों और आपसी कलह के चलते केडर बेस भाजपा का मुकाबला कैसे कर पाएगी। सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर लगातार कटाक्ष और हमले जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष की कार्यशैली पर कांग्रेसियों द्वारा सवालिया निशान खड़े किए जा रहे हैं। तुरंत कांग्रेस को आत्ममंथन करने और सामूहिकता के लिए प्रयास करने की जरूरत है। घटनास्थल पर मुकेश कालरा, मनीष जोशी, मोनू लॉक्स, हरगोविंद दीवान, भानुप्रताप सिंह और कांग्रेस के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।