इंदौर। लड़कियों के पहनावे पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस इसे महिलाओं का अपमान बताकर माफी की मांग की है। महिला कांग्रेस ने इंदौर में विजयवर्गीय का पुतला फूंका है, जबकि भोपाल में उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय के बंगले पर प्रदर्शन किया है। महिला कांग्रेस की नेता बेशरम के फूल लेकर वहां पहुंची थीं।
दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि लड़कियां इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं। शुक्रवार को उनका एक वीडियो सामने आया था जिसमें वे लड़कियों को अच्छे और ढंग के कपड़े पहने की नसीहत देते दिख रहे हैं। हालांकि बाद में सफाई देते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि पूरा बयान कोई नहीं बता रहा, एक हिस्से को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने महिलाओं के अपमान और उत्पीड़न करने की कसम खा ली है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने विजयवर्गीय के बयान पर कहा कि भाजपा के नेताओं के ऐसे बयान भाजपा की संस्कृति को दर्शाते हैं। भाजपा का यही रुख है। मैं चाहता हूं कि जनता इस पर बहस करें। वहीं प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर विजयवर्गीय के बचाव में उतरी है। उन्होंने कहा कि हमारे वस्त्र इतने शालीन और सभ्य होने चाहिए कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर हमें देखकर किसी के भी मन में कोई दुर्भावना जन्म ना ले।
मैं आज भी जब निकलता हूं, पढ़े-लिखे नौजवानों, बच्चों को झूमते हुए देखता हूं तो सच में ऐसी इच्छा होती है कि पांच-सात ऐसी दूं कि उनका नशा उतर जाए। सच कह रहा हूं, भगवान की कसम। हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोलूंगा। लड़कियां भी इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि... अपन महिलाओं को देवी बोलते हैं। उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता। बिल्कुल शूर्पणखा लगती है। सच में अच्छा सुंदर भगवान ने शरीर दिया है। जरा अच्छा कपड़ा पहनो यार। बच्चों में आप संस्कार डालिए। मैं बहुत चिंतित हूं।
कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई दी कि पूरा बयान कोई नहीं बता रहा, उसे तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। रास्ते में छोटे कपड़ों और नशे में धुत्त लड़की तमाशा कर रही थी। उसे क्या कहा जाए, वह शूर्पणखा जैसी ही लगेगी। लड़कियों को उनकी पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है और हम तो बेटियों को देवी जैसा ही मानते हैं, लेकिन जो सब मैंने देखा, वह शहर की संस्कृति से मेल नहीं खाता। पूरा शहर इन चीजों को लेकर चिंतित है।