चीताखेड़ा। जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर वनांचल में बसे गांव चैनपुरा व आसपास के अनेक गांव वाले उचित मूल्य की दुकान पर मिलने वाले राशन के लिए उपभोक्ता घंटो इंतजार करते हैं फिर भी राशन मिल जाए यह कहा नहीं जा सकता।
मजदूरी पर गुजर-बसर करने वाले लोग घंटों कतार में खड़े रहते हैं। उचित मूल्य की दुकान पर सरवर नहीं मिलने से अंगूठा निशानी नहीं होने से उचित मूल्य की दुकान से तकरीबन 200 से 300 फ़ीट की दूरी पर टेकरी पर बने माताजी मंदिर पर जाकर अंगूठा लगाया जाता हैं और फिर राशन देते हैं।
चैनपुरा निवासी सुरेश रावत ने बताया कि पिछले महीने का भी कई लोगों को सरवर के चलते राशन नहीं मिल पाया है। मजदूरी छोड़ कर या खेतो में सिंचाई का काम छोड़ कर लोग आते हैं। दिन की मजदूरी भी चली जाती है और राशन भी नही मिल पाता है।
वहीं ग्रामीणों ने दुकान संचालक भी आरोप लगाए है ग्रामीणों ने कहा कि दुकान संचालक उसकी मर्जी अनुसार आता है दुकान खोलने का कोई समय निश्चित नहीं है। आज भी राशन की दुकान दोपहर 01 बजे खोली गई।
वहीं दुकान संचालक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद मिला।
जहां सरकार हर व्यक्ति तक राशन पहुंचाना चाहती है और उसके लिए प्रयासरत भी है लेकिन सरवर की परेशानी बड़ी दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारी जल्द इस समस्या से निजात दिलवाए। जिससे ग्रामीणों को समय पर राशन मिल सके।