मुरैना। कैला देवी के दर्शन करने राजस्थान जा रहे 7 श्रद्धालु चंबल नदी में बह गए। रेस्क्यू टीम को अब तक 2 शव मिले हैं। 5 लोग लापता हैं। घटना शनिवार को मुरैना, श्योपुर और राजस्थान के बॉर्डर के बीच हुई। श्रद्धालुओं के जत्थे में 17 लोग थे। 10 लोग सुरक्षित हैं। सभी शिवपुरी जिले के तेंदुआ थाना क्षेत्र के चिलावद गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। शनिवार को अंधेरा होने से सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है। रविवार सुबह 7 बजे फिर से सर्चिंग शुरू की गई।
मुरैना एएसपी रायसिंह नरवरिया ने बताया कि पहले सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति का शव राजस्थान में मिला है, लेकिन उस महिला की पानी में डूबने से हालत बिगड़ गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया था। नदी से दोनों लोगों के शव मप्र में ही मिले हैं। उनकी पहचान देवकीनंदन पुत्र हीरा कुशवाह व कल्लो पत्नी श्याम कुशवाह के रूप में हुई है।
श्योपुर जिले के बीरपुर और मुरैना जिले के टेंटरा थाने से पुलिस मौके पर है। टेंटरा थाना प्रभारी धर्मेंद्र मालवीय ने बताया कि सभी श्रद्धालु एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नदी पार कर रहे थे। जिस जगह हादसा हुआ है, वहां कोई पुल या नाव की व्यवस्था नहीं है।
बीरपुर थाना प्रभारी हिमांशु भार्गव का कहना है कि मगरमच्छ के हमला करते ही श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। बचने की जद्दोजहद में श्रद्धालु बह गए। स्थानीय गोताखोरों ने बोट के जरिए लापता लोगों की तलाश की। राजस्थान का पुलिस-प्रशासन भी मौके पर मौजूद रहा।
प्रत्यक्षदर्शी राडी गांव निवासी कुटन रावत ने बताया कि नदी में जहां पानी कम था, वहां से सभी पार कर रहे थे। इतने में मगरमच्छ ने हमला कर दिया। इससे लोगों में भगदड़ मच गई। कुछ लोग गहरे पानी में चले गए। हालांकि, शुरुआत में यह जानकारी आई थी कि नाव पलटने से हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि शवों पर दांत के निशान भी मिले हैं।
हादसे में धनीराम कुशवाहा, जानकी लाल कुशवाह और चेंऊं कुशवाह बच गए हैं। चेऊं कुशवाह ने बताया कि हम 17 लोग कैलादेवी जा रहे थे। चंबल नदी पार करते समय पानी के तेज बहाव में लोग गहरे पानी में चले गए। इसमें 10 लोग बच गए हैं। 2 के शव मिल गए हैं। पांच लोगों को पानी में तलाश कर रहे हैं।