भोपाल। राजनीति में रुचि रखने वाले एक महत्वपूर्ण सामाजिक संगठन के वॉलिंटियर्स की रिपोर्ट के आधार पर एक ऐसा सार निकल कर सामने आया है जो सबको चौंका रहा है। बताया गया है कि यदि आज की तारीख में मतदान हो जाए तो मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस पार्टी को 110, भारतीय जनता पार्टी को 100 और बाकी सबको 20 सीटें मिलेंगी।
मध्य प्रदेश के सभी विधायकों की वर्तमान की स्थिति पर विचार किया जा रहा था। यदि सभी विधायकों एवं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को वापस टिकट दे दिया जाए तब मध्य प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस पार्टी की सरकार बन जाएगी। इसका तात्पर्य यह हुआ कि कुछ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक निश्चित रूप से हारने की स्थिति में आ गए हैं और कांग्रेस पार्टी के निकटतम प्रतिद्वंदी में जनता को उम्मीद दिखाई देने लगी है। यह निष्कर्ष भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता और कांग्रेस पार्टी के लिए उत्साह का कारण हो सकता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। 65 से ज्यादा सीटों पर विश्वास पूर्व नहीं कहा जा सकता कि टिकट का दावेदार विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन तक अपनी ही पार्टी में रहेगा। वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकता है, पार्टी बदल सकता है। 2018 के पहले तक भाजपा और कांग्रेस पार्टी के नाराज नेता सपा और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ते थे परंतु इस बार दोनों पार्टियां एक दूसरे के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके टिकट देंगी। यह काफी बड़े पैमाने पर होगा। इनमें से कुछ बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्हें अपनी ही पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता का समर्थन भी प्राप्त होगा और चुनाव लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन भी दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि कम से कम 20 सीटों पर जातिवाद की राजनीति करने वाली पार्टियों एवं भाजपा और कांग्रेस के बागी प्रत्याशी चुनाव जीत जाएंगे।