एमपी में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र आज भोपाल में भाजपा प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक शाम 4 बजे बुलाई गई जिसमे उस फीडबैक रिपोर्ट पर मंथन हुआ जो पूरे प्रदेश से 14 बड़े भाजपा नेताओ द्वारा स्वयं जाकर तैयार की गयी थी यह बैठक राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवकुमार और सीएम शिवराज सिंह सहित तमाम दिग्गज नेताओ की मौजूदगी में सम्पन्न हुयी और माना यह जा रहा है की जो रिपोर्ट कोर कमेटी के सामने प्रस्तुत की गयी है उस पर एक्शन होना तय है
गौरतलब है की पार्टी आलाकमान तक बार बार यह खबर जा रही थी की चुनावी साल में भी कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें ‘हमारी सरकार’ जैसी फाइलिंग का अभाव है, जिससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि चुनावी जंग में बीजेपी को मैदानी जमावट में मुश्किलें आ सकती हैं। ऐसे में प्रदेश में संभाग स्तर पर बैठकें कर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी 14 बड़े नेताओं को दी गई है।खास बात यह है कि शिवराज सरकार से सिर्फ एक मंत्री गोपाल भार्गव को यह जिम्मेदारी दी गई है। उनके अलावा इस सूची में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित अनुभवी नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इन नेताओं को उनका क्षेत्र छोड़कर अन्य जिलों की जिम्मेदारी इसलिए दी गई है, ताकि असंतुष्ट खुलकर बात कर सकें।
अभी तक इन नेताओं की जितनी भी बैठकें हुई हैं, उनमें मुख्य रूप से मंत्रियों और विधायकों द्वारा उपेक्षा करने की शिकायतें हो रही हैं। सबसे ज्यादा नाराजगी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले जिलों में हो रही हैं। यहां पूर्व संगठन मंत्री माखन सिंह कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं।वही सतना में कैलाश विजयवर्गीय ने घर घर जाकर कार्यकर्ताओ से बातचीत की तो इंदौर की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी गयी
इंदौर में हुयी बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने दो टूक कहा की नेता नीलकंठ बनने के लिए तैयार रहे उन्होंने कहा की यह ज़रूरी नहीं की सभी को पद दिया जा सके आज पार्टी में ऐसे कार्यकर्ताओ की जरुरत है जो विष पीयी सके और पार्टी का काम कर सके इससे साफ़ ज़ाहिर होता है की पार्टी आलाकमान एमपी विधानसभा चुनाव में गुजरात फार्मूला लागू करने का मन बना चुका है और इसी के मद्देनज़र इन 14 बड़े नेताओ को काम पर लगाकर रिपोर्ट तैयार करवाई गयी जिसपर आज कोर कमेटी में चर्चा हुयी
कोर कमेटी के सामने विधायकों और मंत्रियो का जो फीडबैक आया है वही फीडबैक यह तय करेगा की कौन विधायक या मंत्री आगामी विधानसभा चुनाव में टिकिट पाने का हकदार होगा और यही से गुजरात फार्मूला लागू करने का रास्ता तय होगा की आखिर एमपी में किस क्राइटेरिये के माध्यम से टिकिटों का वितरण किया जाए