नीमच। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गत दिवस जावद और नीमच विधानसभा के दौरे पर थे। उन्होंने अपने संगठनात्मक दौरे पर मंडलम, सेक्टर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। इस दौरान सिंह ने जावद के एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर और सत्यनारायण पाटीदार को इस बात के लिए शपथ दिलाई कि वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे।
उक्त शपथ को लेकर ख्यातनाम एडवोकेट महेश पाटीदार ने सवाल उठाये है। उन्होंने कहा कि आखिर राजकुमार और सत्तू को ही क्यों शपथ दिलाई गई। प्रश्न यह है कि इस क्षेत्र में अनेकों कार्यकर्ता है, कई नेता विधायक पद के दावेदार हैं, कई योग्य भी हैं लेकिन केवल राजकुमार और सत्यनारायण को शपथ दिलाने के कई मायने सामने आ रहे हैं। संपूर्ण जिले में केवल दो ही कार्यकर्ताओं (नेता) को शपथ दिलाना आश्चर्यजनक भी है।
पाटीदार ने आगे कहा कि यह भी सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि क्या यही निर्दलीय लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं ? क्या इन्होंने ही कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है ? क्या ये समय पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं की बात नहीं मानेंगे ? क्या ये पार्टी की विचारधारा का सम्मान नहीं करेंगे ? कांग्रेस में शपथ का कोई मायने नहीं है जिसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया, जिसने कांग्रेस के साथ गद्दारी की है उन्हें ही कांग्रेस में बड़ा और महत्वपूर्ण नेता माना जाता है।
कई उदाहरण आपके सामने हैं क्योंकि कांग्रेसी विचारधारा के आधार पर कार्यकर्ताओं को तैयार ही नहीं कर रही है।
एडवोकेट पाटीदार ने कहा कि सब नेता अपने-अपने पट्ठे तैयार कर रहे हैं। इसलिए नीमच से मनासा और जावद से नीमच उम्मीदवारों को भेजा जा रहा है। जो पहले कांग्रेस के हार के दोषी हैं उन्हें ही जीत की जवाबदारी दी जा रही है। जब तक महत्वाकांक्षी नेताओं के बजाय विचारधारा आधार पर कार्यकर्ता तैयार नहीं होंगे, तब तक इस शपथ के कोई मायने नहीं है। यह शपथ केवल अखबार की खबर और तालियों की गड़गड़ाहट मात्र हो सकती है।