नीमच। जिला कांग्रेस नीमच ने प्रदेश कांग्रेस के मार्गदर्शन और जिला कांग्रेस की सहमति से मंडलम अध्यक्ष और सेक्टर प्रभारियों की सूची गत दिनों जारी की है। जिसमें नीमच विधानसभा के 27 मंडलम अध्यक्ष और 58 सेक्टर प्रभारी (पन्ना प्रभारी) साथ ही जावद विधानसभा से 21 मंडलम अध्यक्ष और 45 सेक्टर प्रभारी (पन्ना प्रभारी) की घोषणा जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने की। लेकिन एक वर्ग इन नियुक्तियों से अछूता रह गया।
राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद रायपुर (छग) में 2 महीने पूर्व कांग्रेस का 85 वां अधिवेशन आयोजित हुआ। जिसमें कांग्रेस पार्टी के संविधान में बदलाव किया गया। बदलाव के तहत संगठन में अजा, अजजा, पिछड़ा वर्ग, युवाओं और महिलाओं को 50 फीसदी तक आरक्षण देने का फैसला हुआ। लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं हो पाया है। जहां कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक में अपने पक्ष को लेकर राज्यसभा और संसद में लगातार सरकार को घेरती नजर आती है। सरकार से अपना रुख साफ़ करने को कहती है। वहीं जब संगठन में नेतृत्व की बात आती है तो पार्टी महिलाओं को पीछे रख देती है।
जावद और नीमच विधानसभा में मंडलम और सेक्टर प्रभारियों में हुई नियुक्तियां इसका ताज़ा उदाहरण है। अधिवेशन में तय हुए आरक्षण को तो छोड़िए, दोनों विधानसभा में से किसी भी महिला नेता या कार्यकर्ता को इन मंडलम और सेक्टर प्रभारी की नियुक्तियों में जगह नहीं मिल पाई। सवाल यह भी उठता है कि क्या दोनों विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के पास एक भी योग्य महिला कार्यकर्ता नहीं थी जिसे इन पद पर नियुक्त किया जा सके।
जब बात बराबर की हो तो राजनीती इससे अछूती क्यों रहे। राजनीती में भी महिलाओ को बराबर का हक़ मिलना चाहिए। बराबर का नहीं तो जो कुछ तो प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने तो रायपुर के अधिवेशन में अपना संविधान बदलकर महिलाओं को आरक्षण देकर संगठन में दायित्व देने की बात कही थी तो धरातल पर उसको अमलीजामा क्यों नहीं पहनाया गया।
मंडलम और सेक्टर की नियुक्तियां तो स्थानीय और छोटी बात हो जाती है, लेकिन जब विधानसभा और लोकसभा या अन्य चुनावों में उम्मीदवारी की बात आ जाए तो फिर महिलाओं की स्थिति क्या होगी। महिला दावेदार फिर अपनी जगह या अपना वर्चस्व कैसे खड़ा करेगी ये भी विचारणीय प्रश्न है।
वहीं नीमच विधानसभा से कांग्रेस से प्रबल दावेदार नेत्री मधु बंसल ने भी दिग्विजय सिंह नीमच आगमन पर भी मंच से इस मुद्दे को उठाया। बंसल ने मांग करते हुए कहा कि अभी मंडलम और सेक्टर में नियुक्तियां की जाए ताकि महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। इस पर दिग्विजय सिंह ने संज्ञान लेते हुए कहा कि नियुक्तियों में बदलाव किया जाएगा और महिलाओं को भी प्रतिनिधत्व करने का मौका दिया जाएगा।