भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। अमरवाड़ा उपचुनाव जीते कमलेश प्रताप शाह का डॉ. मोहन कैबिनेट में शामिल होना तय है। बीजेपी ने शाह को मंत्री बनाने का कमिटमेंट किया है।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण साधने के लिए जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया था, उनमें से कुछ को बड़े निगम-मंडल की कमान देने पर विचार चल रहा है स नई जिम्मेदारी के साथ उन्हें मंत्री का दर्जा भी दिया जाएगा। जो सीनियर विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए थे, उनकी वापसी भी हो सकती है।
मोहन मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत इसलिए भी हैं, क्योंकि 8 जुलाई को कैबिनेट मंत्री बनाए गए रामनिवास रावत को अब तक किसी विभाग की जिम्मेदारी नहीं दी है। मोहन कैबिनेट में 3 पद अब भी खाली हैं। यानी शाह के साथ 2 और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता हैं। पढ़िए जातीय समीकरण साधने के लिए किसे मंत्री बनाया गया था और वो कौन से सीनियर विधायक हैं, जिन्हें अब मंत्री बनाया जा सकता है।