विधानसभा चुनाव को लेकर एमपी में 2023 में बीजेपी और कांग्रेस के लिए आर-पार की लड़ाई है, वो इसलिए की हिंदी पट्टी में भाजपा को जीतना ज़रूरी है वरना कर्नाटक की हार के बाद यदि इस राज्य में भी उसका हाल बिगड़ा तो आम चुनाव में वह मुश्किल में फंस सकती है तो ठीक दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए करो या मारो के हालात है।
इन्हीं सब हालातों के बीच चुनावी चौसर पर दोनों ही दल जमावट में लगे हैं। एक ख़ास बात कांग्रेस के खेमे से निकल कर आ रही है, वह यह की कांग्रेस में जो नेता पार्टी को मजबूती देने में लगे हैं उनके अलावा कई नेता ऐसे है जो बिहाइंड द कर्टेन जमावट में लगे हैं। ऐसा ही एक नाम कांग्रेस के हलकों से निकलकर सामने आ रहा है वो है कांग्रेस व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौरड़िया जिनके रसूख की ऊंचाई आमतौर पर लोगों को पता नहीं है, लेकिन आज वे मालवा के सबसे शक्तिशाली कांग्रेस नेताओं में शुमार किये जाते हैं।
अजय चौरड़िया की कमलनाथ के साथ नज़दीकिया कोई ख़ास बात नहीं, लेकिन ये कम ही लोगो को पता होगा की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके बेहद करीबी रिश्ते है और खड़गे साहब जब भी इंदौर आये उनका ठिकाना अजय चौरड़िया का आशियाना ही रहा यहां तक की खड़गे साहब कई पारिवारिक कार्यक्रमों में भी अजय चौरड़िया के मेहमान बन चुके है इससे साफ़ है की वे कांग्रेस में आज कितना दम रखते है।
इसके साथ ही सूत्रों की माने तो अजय चौरड़िया समूचे मालवा में घूमकर जमीनी रिपोर्ट भी तैयार करने में लगे है ताकि पार्टी आलाकमान को सही गलत से अवगत करवाया जा सके ऐसे में वे पार्टी में महत्वपूर्ण बनाते जा रहे है क्योकि उनकी कार्य स्थली शुरू से मालवा रहा है और यहाँ के जमीनी हालातो से वे बखूबी वाकिफ है ऐसे में उनका होमवर्क पार्टी के खासा काम आ सकता है और यदि वे किसी की उम्मीदवारी के लिए दम भरे तो दिल्ली तक जोर पानी कर सकते है और उसका टिकिट ला सकते हैं।
जानकारों की माने तो अजय चौरड़िया के मालवा में लगातार दौरे हो रहे है और यह दौरे फ़िज़ूल नहीं इनके पीछे कोई स्टेटजी है और वो शायद बेहतर उम्मीदवार तलाशने और उन्हें टिकिट दिलाने की बताते है हाल ही में मंदसौर के पिपलिया मंडी कमलनाथ आ रहे है उसके पीछे का फीडबैक भी चौरड़िया जी के माध्यम से कमलनाथ तक पहुंचा है की कई मामलो को लेकर मालवा का किसान दुखी है इसलिए आपको मंदसौर का दौरा करना चाहिए कुलमिलाकर अजय चौरड़िया विधानसभा चुनाव की इस चौसर पर महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
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